बीएड कॉलेज पहुंचा योग कानून आंदोलन

आज योग फ्रंट के संस्थापक योगाचार्य विनय पुष्करणा द्वारा एक बीएड महाविद्यालय में योग शिविर के माध्यम से अध्यापक तथा भविष्य में अध्यापक बनने जा रहे बीएड छात्र-छात्राओं को वास्तविक योग से परिचित करवाया। जिसमें योग से सबको लाभ, सामान्य उपचार, बच्चों के मानसिक, शारीरिक, बैद्धिक एवं आध्यात्मिक पोषण तथा स्वास्थ्य के तरीके तो बताए ही साथ ही साथ समाज मे झूठे योग गुरु बन बैठे ठगों से बचने की हदायत भी दी। उन्होंने बताया कि कई लोग बिना अकादमिक शिक्षा के योग अधयापक, योग गुरु, योग ऋषि जैसे नाम स्वयं ही लगा कर लोगों को उपचार दे रहे हैं अथवा भ्रमित कर रहे हैं, जो बहुत गलत है, वहीं कुछ विभाग एवं संस्थाएं 100-400 घण्टों और 2-3 माह के सर्टिफिकेट बांट कर पैसे कमा रहे हैं जिससे करोड़ों रुपये कमाए जा रहे हैं, जिस कारण भी पढ़े लिखे स्नातक, स्नातकोत्तर योग शिक्षकों से अन्याय हो रहा है। 

अतः योग फ्रंट संस्था इस विषय मे भारत स्तर पर योग जनजागृति अभियान आरम्भ किये हुए है। जिसके माध्यम से सरकार से यूजीसी मान्यता प्राप्त विश्व-विद्यालयों से योग में स्नातक, स्नातकोत्तर शिक्षा प्राप्त किये योग शिक्षकों की शिक्षा के आधार पर पंजीकरण प्रणाली एवं कानून बनाने की मांग उठाई जा रही है। जिसमे अब तक 7200 लोगों द्वारा योग में कानून की मांग वाला हस्ताक्षर पत्र कानून के ड्राफ्ट सहित केंद्र एवं राज्य सरकार को भेजा गया है और मांग की गई है जल्द से जल्द इसमे कानून बना कर समाज कल्याण का कार्य किया जाए। योग जनजागृती अभियान के तहत अभी और लोगों, विद्यालयों, महाविद्यालयों को जोड़ा जा रहा है।

 इस विषय पर बीएड महाविद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ सुखराज कौर द्वारा न केवल संस्था के हस्ताक्षर अभियान का समर्थन किया अपितु उन्होंने बाकी सभी विद्या पीठों, विद्यालयों, महाविद्यालयों से भी अनुरोध कर शिक्षा का स्तर बनाये रखने के लिए इस योग जनजागृती अभियान जैसे कार्यों को समर्थन करने का आवाहन किया। डॉ सुखराज कौर ने कहा वह व्यक्तिगत रूप से नगर के सभी विद्यालयों, महाविद्यालयों तथा उनसे जुड़े शैक्षिक क्षेत्र के अधिकारियों तक भी यह मुहीम को पहुंचाने का काम करेंगी और शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ा हर व्यक्ति अपनी नैतिक ज़िमेदारी को समझते स्वयं ही इस अभियान में अपना योगदान करेगा जिससे भाविष्य में किसी भी यूजीसी मान्यता विश्वविद्यालय से उच्चस्तरीय शिक्षा प्राप्त छात्रों के साथ कोई अन्याय न हो। अंत मे महाविद्यालय के सभी छात्र-छात्राओं, अधयापकों ने इस हस्ताक्षर अभियान में भाग लिया और हस्ताक्षर कर सरकार से योग में कानून बनाने की मांग की।